गांव की कमसिन कली की चुत का मजा – Desi Sex Stories

हॉट यंग इंडियन चुदाई कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की जवान विधवा की चुदाई के बाद मैंने उसकी कमसिन बेटी पर नजर गड़ा रखी थी. पर वो तो मुझसे ज्यादा गर्म थी.

हाय दोस्तो, कैसे हैं आप सब … उम्मीद है कि अन्तर्वासना की देसी हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर पूरा मजा ले रहे होंगे.

आज मैं फिर से आप सभी के लिए एक नई सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ.
आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
गांव की देसी बहू ने मुझसे चूत चुदवायी
पढ़ी और आपका ढेर सारा प्यार मुझे मिला.

अब आगे उस बहू रीना की कमसिन बेटी शालू मुझे कैसे चोदने को मिली, उसको विस्तार से पढ़ें.
मुझे उम्मीद है कि ये हॉट यंग इंडियन चुदाई कहानी पढ़ते पढ़ते ही लंड वालों का हाथ अपने लंड पर … और चुत वालियों की उंगली बुर की छेद में जरूर होगी.

पिछली सेक्स कहानी में मैंने बताया था कि मेरे घर के बगल में एक पड़ोसी थे. उनका नाम कुमार था. उनकी एक ही बेटी और एक बेटा था.
उनकी पत्नी बहुत ही सुंदर थी. उनके यहां मेरा आना जाना था.

तब उनकी बेटी शालू जवान हुई ही थी. उसकी छोटी-छोटी कड़ी सी चुचियां, मस्त अनछुए होंठ, पीछे की तरफ निकलती गांड, अन्दर की तरफ घुसी हुई बुर की चिकनी घाटी, जहां गलती से लंड रख दो तो सीधा बुर में घुस जाने के लिए सीधा निशाना तैयार.
शालू को देखते ही बस उसे चोदने को मेरा लंड हमेशा ही तैयार रहता था.

पिछली सेक्स कहानी में आपने पढ़ लिया था कि कैसे मैंने उसकी मां रीना की चुदाई के साथ-साथ शालू की जवानी की आग भी भड़का दी थी. उसी का फायदा मुझे मिला.

मेरा आना जाना रीना के घर में था ही तो शालू मेरे नज़दीक आने लगी. कभी वो मेरी गोद में बैठ जाती, मेरे गाल चूम लेती, कभी-कभी तो मेरे लंड को भी पकड़ लेती.

पर न जाने क्यों मेरी हिम्मत कभी उस पर हाथ डालने की नहीं हुई.
इसकी वजह थी उसका भोलापन, कमसिन चूत, रसीले होंठ टाईट चूचियां आदि मुझे भड़काते तो जरूर थे … पर मैंने अपने को कैसे रोक रखा था, बता नहीं सकता. जबकि उसकी हरकतें बता रही थीं कि वो मुझसे चुदने को मचल रही थी.

धीरे धीरे वह मेरे काफी करीब आ गई थी. उसको मेरा साथ अच्छा लगने लगा था. वह अब मुझसे रोज ही स्कूल छोड़ने जाने के लिए जिद करने लगी थी.

जब मैं उसे स्कूल छोड़ने जाता तो वह बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठती. उसकी मस्त चूचियां मेरी पीठ में धंस जातीं.
वह मेरे कंधे पकड़ कर मुझसे और भी ज्यादा चिपकने की कोशिश करती.

ऐसे ही दिन बीतते रहे.

एक दिन जब वह स्कूल मेरे साथ पहुंची तो पता चला कि आज तो स्कूल में छुट्टी है.

हम दोनों वापस आ ही रहे थे कि शालू ने कहा- दादा, चलो न कहीं घूमने चलते हैं.
मैंने पूछा- कहां चलना है शालू?

वो बोली- जंगल की तरफ चलते हैं.
मैं- तुम्हारी मां पूछेगी तो क्या कहेगी?

उसने कहा- उन्हें मैं समझा लूंगी.
मैं- ठीक है चलो.

अब मैंने जंगल की तरफ गाड़ी मोड़ दी.

कुछ दूर चलने के बाद उसने कहा- दादा, थोड़ा रुकिए.
मैं- क्यों?
वो- मुझे सु-सु आई है.

मैंने गाड़ी रोक दी.

वह मस्त हिरनी सी कुलाचें भर्ती हुई सामने झाड़ियों में चली गई. पांच मिनट बाद वह झाड़ियों से बाहर निकली, तो वो स्कूल ड्रेस उतार कर एक अलग ड्रेस में थी. मैं उसे देख कर चौंक गया कि यह क्या हुआ.

उससे पूछा तो उसने कहा- स्कूल ड्रेस में अच्छा नहीं लग रहा था.
मैं तब भी समझ नहीं पाया कि उसकी ये क्या चालाकी थी.

उसके कंधे पर लटका बैग भी नहीं दिख रहा था.

मैंने उससे पूछा- बैग?
वो- वो उधर झाड़ियों में ही रख दिया है, वापसी में ले लूंगी.
मैंने ओके कहा और चल दिया.

अन्दर घने जंगल में पहुंच कर गाड़ी खड़ी कर दी और जंगल में अन्दर की तरफ चल दिया.

थोड़ी ही देर में हम बीच जंगल में आ गए थे. जहां कोई भी दिख नहीं रहा था.

मैं थक गया था तो एक पेड़ के नीचे बैठ गया.

मैं बोला- जाओ घूम लो, मैं यहीं बैठता हूँ.

वो ओके बोल कर चली गई.

थोड़ी ही देर में वह वापस आई और बोली- दादू आओ न … बड़ी अच्छी जगह है.

वह मुझे लेकर एक झाड़ी में आ गई, जो ऊपर से झाड़ी दिख रही थी … पर अन्दर से एकदम साफ सुथरा स्थान था.
वह वहीं सीधी लेट गई.

मेरी नज़र उसकी सांस से उपर नीचे हो रही छातियों पर पड़ी. एक ही मिनट में मेरी निगाह बदल गई.
उसने अपना सर मेरे जांघों पर रख कर आंखों को बंद कर लिया.

अब मैं कच्ची कली के लिए मचलने लगा.

तभी उसने कहा- दादू, लंड क्या होता है?
मैं चौंक गया.
वो- बताओ न दादू?

कुछ सोच कर मैंने कहा- देखोगी क्या?
वो- हां.

मैं- किसी से कुछ कहोगी तो नहीं?
वो- नहीं.

उसने कहा तो मैंने झट से अपनी चैन खोल कर लंड बाहर कर दिया, जो गर्म और कठोर था.

उसने कहा- इसे मैं छूकर देख लूं?
मैं- हां देख लो.

उसने अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को पकड़ लिया और लंड को सहलाने लगी.
मैंने अपनी आंखों को बंद कर लिया.

अचानक मुझे लगा मुझे किसी ने आग की भट्टी में डाल दिया हो. मैंने झट से आंखें खोलीं … तो देखा उसने मेरा लंड मुँह में ले रखा था.
मैं तो आश्चर्य में था कि कैसे ये कमसिन छोकरी इतना आगे निकल गई.

उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
मैंने भी सब कुछ भूल कर मज़ा लेना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर के बाद उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने दूध पर रख दिया.
अब मैंने भी दुनियादारी छोड़ दी और उसकी शर्ट के ऊपर से उसके दूध को मसलने लगा.
फिर उसकी शर्ट के सभी बटनों को खोल दिया. उसकी नंगी मस्त चुचियां मेरे लंड में आग भरने लगीं.

मैंने उससे अपना लंड छुड़ा कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसना शुरू कर दिया. वह मुझसे चिपक गई. मैं एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर होंठों को चूस रहा था, दूसरे हाथ से उसके दोनों चीकुओं को बारी बारी से मसल रहा था.

थोड़ी ही देर में मैंने उसकी शर्ट को उसके शरीर से अलग कर दिया. अपनी शर्ट भी निकाल दी. अब उसका कमसिन बदन मेरे बदन से रगड़ खा रहा था. मैंने एक हाथ उसकी कच्छी में डाल दिया और उंगली से उसकी बुर को कुरेदने लगा.

उसने झट से मेरे लंड को पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी.
मैंने उसकी पैंटी को भी निकाल दिया.
अब वह मज़े ले रही थी.

अपनी एक उंगली को मैंने उसकी बुर में घुसेड़ दिया.
वह कसमसाई फिर शांत हो गई.

मैं उसे उंगली से चोदने लगा. वह मस्त चुदाई कराने लगी.
तभी मैंने दूसरी उंगली भी बुर में पेल दिया.

वह जरा छटपटाई, फिर भी दर्द सह गई. उसकी बुर से खून निकल कर मेरी उंगलियों में लग गया.

फिर मैंने अपना पैंट नीचे करके उसे अपनी जांघों पर बैठा लिया. मैं उसकी छोटी सी बुर को अपने लंड पर लगा कर उसके होंठों को चूसते हुए चुचियों को मसल रहा था.
वह अपनी कमर को ऊपर नीचे हिलाते हुए लंड के सुपारे को बुर से रगड़ रही थी.

अचानक से मेरा कड़क सुपाड़ा उसकी नाज़ुक बुर में घुस गया.

‘उई ई ई ई मां …’
वह चीखी तो मुझसे भी रहा नहीं गया. उसकी कमर को पकड़ कर होंठों को होंठों से लॉक करके उसकी कमर को लंड पर दबा दिया.

फच की आवाज़ के साथ मेरा मोटा लंड बुर में घुसता चला गया.

वह दर्द से बेहोश सी हो गई, मैं भी अंजाम की परवाह नहीं करते हुए उसे चोदने लगा.

अगले मिनट में ही वह होश में आ गई. मैं खुश होकर चुदाई में व्यस्त हो गया.

दो मिनट में ही वह खुद कमर उठा कर चुदवाने लगी.
थोड़ी ही देर में मैंने उसकी दोनों टांगों को कंधों पर रखा और पूरा लंड जड़ तक बुर में घुसेड़ दिया.
उसने एक चीख और मारी और कुछ धक्कों के बाद अब वह आंख बंद कर मज़े से चुद रही थी.

धकापेल चुदाई होने लगी. मेरा लंड काफी फंस फंस कर चुत में जा रहा था.
उसकी कमर इतनी तेजी से मेरे लौड़े पर उछल रही थी कि वो मुझे एक चिकनी मछली सी फिसलती महसूस हो रही थी.

शालू का कमसिन सा बदन मेरे लंड को बड़ी लज्जत दे रहा था. इस उम्र में कमसिन लौंडिया की चुत चुदाई का मजा क्या होता है, ये सोच सोच कर ही मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

उधर वो मेरे लंड पर कूदती कूदती झड़ गई और ‘आह दादू …’ कहती हुई मेरे सीने से लटक गई.

दो पल रुकने के बाद मैंने फिर से अपना लौड़ा शालू की रसीली हो चुकी चुत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
वो कुछ ही झटकों में फिर से चार्ज हो गई और चुदाई का मजा मिलने लगा.
उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ जमा दिए थे और अपनी जीभ से मेरी जीभ को चूसने लगी थी.

लंड को चुत की मलाई मजा दे रही थी और मेरी जीभ को उसकी जीभ का रस मजा दे रहा था.

मैं उसे अपनी दोनों बांहों में भींचे हुए गांड उठा उठा कर दनादन लंड चुत में पेल रहा था.
कुछ ही देर में मेरे लंड का फव्वारा भी छूटने को हो गया.

मैंने तेजी से गांड उठा कर लंड पलना शुरू किया तो उसकी कमर भी तेजी से चलने लगी.

तभी मुझे लगा मेरे लंड पर उसकी चुत का गर्म लावा फिर से फूट पड़ा. वह झड़ गई थी और उसकी मस्ती पानी के रूप में बुर के रास्ते बह गई.
मैं भी उसे अपने अंतिम पड़ाव पर आ गया था. कुछ देर बाद मैंने भी उसकी बुर में अपना लावा उगल दिया.

वह मुझसे चिपक गई और काफी देर तक चिपकी रही.
जब हटी तो वह नार्मल थी.

मैंने पूछा- शालू मजा आया!
वो बोली- दादू पूछो मत … आज बहुत दिन बाद मजा मिला.

उसकी इस बात से मेरा शक पक्का हो गया कि लौंडिया खेली खाई है.

मैंने पूछा- इतनी सी उम्र में तुझे चुदने का शौक कैसे लग गया!
उसने हंस कर बताया कि उसके मामा उसे कैसे बुर चुदाई का स्वाद दे चुके हैं.

मैंने उसकी पहली चुदाई की कहानी विस्तार से जाननी चाही, तो उसने मुझे बताना शुरू किया.

वो बोली- मेरे पवन मामा ने मुझे एक साल पहले ही चोदा था. उस समय मामा जी यहां हमारे घर में ही रहते थे. मैं अक्सर उन्हीं के पास सोती थी. एक रात में मामा जी ने मेरे कच्छी को नीचे कर दिया और अपना लंड मेरी जांघों के बीच डाल कर अपनी प्यास बुझाने लगे थे. उनका लंड मेरी बुर के ऊपर से ही रगड़ खा रहा था. मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. मैंने किसी से कुछ भी नहीं कहा. वो ऐसा रोज करने लगे थे. अब तो मैं भी उनका लंड पकड़ कर सहलाने लगी थी.
मैंने कहा- फिर चुदाई कैसे हुई!

वो हंस कर बोली- क्यों दादू जलन हो रही है क्या?
मैंने उसकी गाल पर चिकोटी काटी और कहा- नहीं मेरी गुड़िया … बस मैं तो ये जानना चाह रहा था कि वो कौन सा भंवरा था, जो तेरी चुत का रस पी गया.

उसने अपने मामा से अपनी पहली चुदाई की कहानी मुझे पूरे विस्तार से बताई. वो क्या सेक्स कहानी थी, अगले भाग में लिखूंगा.

आपको कमसिन शालू की हॉट यंग इंडियन चुदाई कहानी कैसी लगी … मुझे मेल करें.